पिथौरागढ़: पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील पिथौरागढ़ में जंगलों और उनके इर्द-गिर्द कूड़ा-कचरा फेंकना, अब भारी पड़ सकता है। ठोस व तरल अपशिष्ट के कारण, जंगल और वन्यजीवों पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को देखते हुए, पिथौरागढ़ डीएफओ आशुतोष सिंह ने वन रेजरों को ऐसे क्षेत्र चिह्नित कर, जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा जंगलों में फेंका जा रहा कूड़ा-कचरा और तरल अपशिष्ट मुसीबत का सबब बना हुआ है। यह अपशिष्ट जहां जंगलों में भूजल, वायु व मिट्टी को प्रदूषित कर रहा है, वहीं जंगल और उसके आसपास फेंके गए कूड़े-कचरे से, मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति भी उत्पन्न हो रही है। आसान भोजन की तलाश में वन्यजीव कचरे के ढेर पर पहुंच रहे हैं। ऐसे में वे अक्सर आबादी क्षेत्र की तरफ रुख कर देते हैं।
डीएफओ ने कहा सुन्दर वन पिथौरागढ़ की पहचान है, यहाँ के धारे नौले गाड़ गधेरे शुद्ध जल इसे चाँद चाँद लगाते है। किन्तु कुछ आसामजिक तत्वों द्वारा यहाँ कूड़ा डालकर, इसे गन्दा करने का काम किया जा रहा है। अक्सर लोग पार्टी मनाने घूमने जंगलो में जाते है। और जंगलो में प्लास्टिक, पॉलीथिन, शीशा, पानी की खाली बोतले, छोड़ जाते है। इसके आलावा कुछ के द्वारा घरों का कूड़ा जंगलो में डाला जा रहा है।
वन विभाग ने ऐसे लोगो पर कार्यवाही शुरू कर दी है। प्रभागीय वनाधिकारी पिथौरागढ़ डी एफ ओ आशुतोष सिंह का कहना है, की ऐसे लोगो पर विभागीय कर्मचारिओं द्वारा नजर रखी जा रही है। अगर कोई भी व्यक्ति जंगलो में कूड़ा डालते हुए पाया जाएगा। तो उसके खिलाफ वन अधिनियम अन्तर्गत कार्यवाही की जाएगी।