गंगोलीहाट

आर्थिक सशक्तिकरण समन्वयन का 7 दिवसीय प्रशिक्षण शुरू

गंगोलीहाट: उत्तराखंड की पारंपरिक ऐपण कला में कौशल संवर्धन एवं तकनीकी नवाचार: आर्थिक सशक्तिकरण हेतु समन्वयक विषयक सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम जो कि आई सी ए आर एस सी एस टी परियोजना 2024- 25 के अंतर्गत गंगोलीहाट ब्लॉक में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें रनकोट गांव के 35 महिलाएं एवं किशोरियां प्रतिभाग कर रहे हैं।

गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान एवं सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ अल्का गोयल के मार्ग दर्शन में आयोजित उत्तराखंड की पारंपरिक ऐपन कला में कौशल संवर्धन एवं तकनीकी नवाचार आर्थिक सशक्तिकरण हेतु समन्वयक विषयक सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम जो कि आई सी ए आर एस सी एस टी परियोजना 2024- 25 के अंतर्गत गंगोलीहाट ब्लॉक में आयोजित किया जा रहा है।रनकोट गांव के 35 महिलाएं एवं किशोरियां प्रतिभाग कर रहे हैं। 

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परियोजना समन्वय डॉ छाया शुक्ला ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में आयोजित किया जा रहा है, जिससे इन किशोरियों एवं महिलाओं को विकास की मुख्य धारा में जोड़ा जा सके। आज के सत्र में विकास खंड गंगोलीहाट की आई पी आर पी, एन आर एल एम रेखा वर्मा जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा की बालिकाएं इस कला को बहुत जल्दी सीखेंगी तथा वे संपूर्ण प्रक्रिया में आगे भी मास्टर ट्रेनर का काम कर सकेंगी।

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उन्होंने कहा ऐपण कला उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर है, और प्रत्येक उत्तराखंडी को इसके बारे में सही जानकारी होनी  चाहिए। इस प्रशिक्षण के माध्यम से वसुधरा बेल, सिंघानिया बेल, हिमाचली बेल के साथ-साथ इनका मूल्य संवर्धित उत्पाद बनाने में प्रयोग, विभिन्न प्रकार की चौकियां आदि बनाने का प्रशिक्षण तथा तकनीकी नवाचार द्वारा कौशल संवर्धन किया जा रहा है। प्रतिभागियों ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यह अवसर उन्हें सौभाग्य से प्राप्त हुआ है तथा वे सीखी गई कला के माध्यम से न सिर्फ अपनी पारंपरिक संस्कृति को संरक्षित और संवर्धित करने का प्रयास करेंगी बल्कि इसे आजीविका का साधन बनकर स्वावलंबी भी बन सकेंगी।

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परियोजना सह समन्वयक डॉ संध्या रानी ने कहा कि महिलाएं एवं किशोरियां अत्यंत उत्साह के साथ नियमित रूप से इसमें प्रतिभा कर रही है जो की आगे उद्यमिता विकास में उनके लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होगा। प्रशिक्षणार्थियों में गंगा देवी, आशा देवी, हीरा देवी, शीला देवी, सरोज, सरिता, अनुष्का, आकांक्षा, रवीना, विनीता, साक्षी, नीलम, प्रियांशी, संजीवनी, करुणा, मीनाक्षी, ज्योति आदि प्रमुख है।  प्रसिद्ध ऐपण कला विशेषज्ञ प्रियंका कपूर के द्वारा यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के संपूर्ण आयोजन में सहायक खण्ड विकास अधिकारी  बसंत बल्लभ पाण्डेय, योगेश भारती ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, ज्योति, किरन आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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