पिथौरागढ़

जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को जिला सभागार में मासिक स्टाफ बैठक का किया आयोजन

पिथौरागढ़ : जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने गुरुवार को जिला सभागार में मासिक स्टाफ बैठक ली बैठक में राजस्व, परिवहन, आबकारी, पुलिस आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि एसडीएम कोर्ट स्तर पर एक वर्ष से अधिक पुराने लंबित वादों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।

 धारचूला क्षेत्रान्तर्गत पीपी एक्ट के अंतर्गत लंबित वादों की अधिक संख्या को देखते हुए जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी धारचूला को अवैध अतिक्रमण संबंधी पीपी एक्ट से संबंधित वादों का शीघ्रता से निस्तारण करने के निर्देश दिए! नशे के अवैध कारोबार पर लगाम लगाने के दृष्टिगत जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों से कहा कि विगत 10 वर्षों के रिकॉर्ड को खंगाल कर यह देखा जाए कि जनपद के किन क्षेत्रों में अफीम की खेती होती पाई गई है! उन क्षेत्रों में पुनः छापेमारी की जाय तथा अफीम की खेती पाए जाने पर नष्ट कर दी जाए। जिलाधिकारी ने जनपद में हो रहे अवैध खनन को लेकर नाराजगी प्रकट की तथा उप जिलाधिकारियों को चेतावनी दी कि अवैध खनन को लेकर लापरवाही न बरतें तथा अवैध खनन पर रोक लगाने हेतु लगातार छापेमारी करें।

परिवहन विभाग की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि दुर्घटना न्यूनीकरण मिशन के अंतर्गत जनपद में लगातार वाहन चेकिंग अभियान चलाया जाय, उन्होंने 85 पुलिस एक्ट में हुए चालानों की सूचना तथा तथा वाहन लाइसेंस निरस्तीकरण की सूचना नियमित रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश पुलिस विभाग व परिवहन विभाग के अधिकारियों को दिये। जिलाधिकारी ने 15-16 वर्ष पुराने टैक्सी आदि वाहन जनपद में संचालित होने पर भी कड़ी नाराजगी प्रकट की तथा ऐसे पुराने संचालित वाहनों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश परिवहन विभाग के अधिकारियों को दिये।

 जिलाधिकारी ने परिवहन विभाग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट जिसमें शराब पीकर वाहन चलाने वाले मात्र एक चालक के ही चालान की कार्रवाई दर्शाई गई है पर कड़ी नाराजगी प्रकट की, जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में प्रायः यह देखने में आ रहा है कि भारी संख्या में लोगों द्वारा शराब पीकर वाहन चलाए जा रहे हैं किंतु परिवहन विभाग द्वारा इस पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है! उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों को नशे की हालत में वाहन चलाने वाले तथा फोन पर बात करते हुए वाहन चलाने वालों के विरुद्ध नियम अनुसार सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

 नशे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों से कहा कि जहां शादी आदि समारोह आयोजित हो रहे हैं उन क्षेत्रों को दुर्घटना संभावित क्षेत्र घोषित करते हुए संबंधित उप जिलाधिकारी या पटवारी द्वारा छापेमारी कर एल्कोमीटर से लोगों के नशे की हालत में होने सम्बन्धी जांच की जाए तथा सम्बन्धितों को वाहन चलाने से मना किया जाए। उन्होंने जिला आबकारी अधिकारी को निर्देश दिये कि बार चलाने वाले दुकानदारों को प्रेरित किया जाए कि यदि कोई व्यक्ति अत्यधिक नशे की हालत में है तथा वाहन चलाने जा रहा है तो वे उसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दें।

सड़क दुर्घटनाओं की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय व जिला परिवहन कार्यालय से शासन को प्रेषित की जाने वाली दुर्घटना रिपोर्ट में दुर्घटनाओं की संख्या में अंतर पाए जाने पर कड़ी नाराजगी प्रकट की तथा अपर जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि परिवहन आयुक्त को पत्र प्रेषित कर एआरटीओ की लापरवाही से अवगत कराया जाए।

 बैठक में पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, अपर जिलाधिकारी एफआर चौहान, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कलेक्ट्रेट भगवत प्रसाद पांडे आदि उपस्थित थे।

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