पिथौरागढ़

धारचूला हाट गाँव की महिलाओं ने एलईडी बल्ब बनाकर स्वरोजगार की ओर बढ़ाये कदम

पिथौरागढ़– सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ के धारचूला ब्लाक के ग्राम पंचायत धारचूला देहात के हाट गांव की महिलाओं ने एलईडी बल्ब बनाकर स्वरोजगार के क्षेत्र में कमाल कर दिखाया है। महिलाओं की में मेहनत ने धारचूला को नयी पहचान दी है। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज हाट गांव पहुंचकर इस कार्य में लगी महिलाओं का हौसला बढ़ाया। कहा कि वे बाजार की दिक्कत को जिलाधिकारी से बात करके दूर करेंगे।खेत, खलिहानों में अपना भविष्य देखने वाली हाट गांव की महिलाओं ने कुछ नया करने के सोचा। सबसे पहले हॉट गांव की महिलाओं ने गांव के भीतर महिला स्वयं सहायता समूह का गठन किया। इस गांव के सात समूह ने आपस में मिलकर सरस्वती ग्राम संगठन का गठन किया। खेती-बाड़ी कथा पशुपालन से जुड़ी महिलाओं ने एक नई सोच पैदा करते हुए एलईडी वर्षा बनाने के लिए प्रशिक्षण लिया। उसके पश्चात नोएडा से कच्चा माल मगा कर अपने गांव में एलईडी बल्ब बनाने लगी।

इन महिलाओं ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह इस टेक्निकल कार्य को पूर्ण कर पाऐंगी। इनके हौसले तथा जब्बे ने इनके कदमों को रुकने नहीं दिया। आज हाट गांव इन महिलाओं के इस लक्ष्य के बाद एक नए स्वरूप में समाज के सामने आया है। हाट गांव की स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं पंचायत घर में हर रोज 2 घंटे जमा होकर एलईडी बल्ब बना रही है। बाजार में बेचने के लिए भी महिलाएं खुद निकलकर मार्केटिंग का काम भी अच्छी तरह से कर रही है। इतना ही नहीं इन महिलाओं ने एलईडी बर्फ के अलावा एलईडी की चार्जिंग बल्ब का भी निर्माण कर दिखाया है। एलईडी के बल्ब खराब होने की दशा में  उनकी भी महिलाएं मरम्मत कर उपयोग के लायक बना देती है। धारचूला के लिए अच्छी खबर है कि अब यहां के लोगों को एलईडी बल्ब चार्जिंग बल्ब तथा एलईडी को ठीक करने के लिए बाहर नहीं जाना होगा। एलईडी बल्ब का निर्माण करना तकनीकी रूप से बहुत कठिन कार्य है।

जिसको यहां के साधारण महिलाओं ने कर दिखा कर महिला स्वरोजगार के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा दिया है। महिला स्वयं सहायता समूह की ग्राम संगठन के अध्यक्ष द्रोपति धामी का कहना है कि 5, 9 तथा 12 वाट के बल्ब का निर्माण किया गया है। बाजार भाव से कम दामों में इनको बेचा जा रहा है। अन्य कंपनियों की तरह 6 माह की गारंटी भी उनके द्वारा दी जा रही है। इतना ही नहीं महिलाओं ने दीपावली में उपयोग किए जाने वाली बिजली की मालाओं का निर्माण भी किया।

आज हाट गांव इस नए रोजगार के नए अवसरों को खोज ही नहीं रहा है, बल्कि धरातल में जा चुका है। नेपाल तथा चीन सीमा से लगे इस गांव की महिलाओं ने दिखा दिया है, कि वह मेहनत के मामले में किसी से कम नहीं है। विकास खंड कार्यालय तथा एनआरएलएम के द्वारा मिल रहेे सहयोग से महिलाएं उत्साहित है। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने इस महिला ग्रुप के साथ बैठकर बातचीत की।

उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूह के निर्माण से लेकर आज स्वरोजगार के रास्ते पर मजबूती से कदम बढ़ा रहे महिलाओं के इतिहास के बारे में नजदीकी से जाना। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी से मिलकर जिले के भीतर इन महिलाओं की एलईडी बल्ब तथा अन्य उत्पादों के खरीद कराने के लिए बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि इसी तरह से हम हिमाचल रोजगार परक राज्य की ओर बढ़ रहे है। उन्होंने धारचूला के नागरिकों से अपील किया कि वे महिलाओं के हाथों से बने एलईडी बल्ब को खरीदकर मातृशक्ति को प्रोत्साहन दे। इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता गणेश दुग्ताल, रेखा रानी, कला नगन्याल, लक्ष्मी गुंज्याल आदि मौजूद रहे।

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