पिथौरागढ़ – भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 से केंद्र पोषित प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना (जलागम विकास घटक- 2) के अन्तर्गत जिला जलागम परियोजना प्रबन्धन इकाई की पहली बैठक शुक्रवार को जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान की अध्यक्षता में क्लेक्टेट सभागार में संपन्न हुई। जिसमें योजना के तहत प्रस्तावित कार्यों लेकर विस्तार से चर्चा हुई। पीएमकेएसवाई के अन्तर्गत वाटर सेड डेवलपमेंट की जिले में 66 करोड़ की चार परियोजनाएं प्रस्तावित है।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि जिले की परिस्थितियों एवं जरूरतों के हिसाब से ठोस परियोजनाओं की डीपीआर तैयार करें। उन्होंने कहा कि जनपद के जिन 155 गांव क्षेत्रों मे प्राकृतिक जल संशाधन विकास, जीविका उपयोगी काम और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जलागम के तहत जो योजनाएं प्रस्तावित की गई है, पहले उन क्षेत्रों का सर्वेक्षण कराया जाएगा, और उन्हीं कार्यो को मंजूरी दी जाएगी जिनकी आवश्यकता होगी। ताकि किसी भी योजना में डुप्लीकेसी नहो। उन्होंने कहा कि पेयजल आपूर्ति के लिए जल जीवन मिशन के तहत पहले से ही काम चल रहा है, इसलिए जलागम में ऐसे किसी भी प्रोजेक्ट को स्वीकृत नहीं किया जाएगा। उन्होंने परियोजना निदेशक को जनपद की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ठोस योजनाओं की डीपीआईआर तैयार करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने परियोजना के तहत प्रस्तावित विभिन्न योजनाओं की गहनता से समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
बैठक में परियोजना निदेशक ने जलागम परियोजना के अन्तर्गत प्रस्तावित कार्यो की पावर पॉइट के माध्यम से विस्तार से आवगत कराते हुए आईडब्ल्यूएमपी के तहत पूर्व मे किए गए कार्यो की जानकारी भी दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि जलागम परियोजना प्रबन्धन इकाई का सोसाइटी रजिस्ट्रेशन व नवीनीकरण तथा राष्ट्रीय बैंक खाता भी खोलन जाना है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अनुराधा पाल, डीएफओ केके रोशे, जलागम परियोजना के उप निदेशक अनिल कुमार टम्टा सहित जिला जलागम परियोजना प्रबन्धन इकाई अन्य सदस्य उपस्थित थे।