पिथौरागढ़: आईआईटी बॉम्बे (मुंबई) संस्थान के अधिकारी पुष्पदीप मिश्रा ने बताया कि पिथौरागढ़ की जिलाधिकारी रीना जोशी ने आईआईटी मुंबई को अनुरोध किया था कि पर्वतीय क्षेत्र में महिलाओं के जननांगों में सर्वाइकल कैंसर रोग की घटनाएं लगातार प्रकाश में आ रही हैं, जिस पर आईआईटी मुंबई के विशेषज्ञों की एक टीम ने अनुरोध को स्वीकारते हुए महिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ में विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया है।
शिविर में महिलाओं से संबंधित रोगों (गायनोकोलोजिकल) की जांच की जा रही है। जिसमें मुख्य रूप से गर्भासय व जननांगों में उत्पन्न होने वाले सर्वाइकल कैंसर व अन्य रोगों की भी जांच (स्क्रीनिंग) की जा रही है।* इस जांच में आईआईटी बॉम्बे (मुंबई) द्वारा विकसित की गई नई डिवाइस का उपयोग किया जा रहा है। यह शिविर 6 जुलाई शनिवार तक जारी रहेगा।
जिलाधिकारी एवं संस्थान के अधिकारी पुष्पदीप मिश्रा ने जांच करने में मदद करने के साथ ही शिविर का अधिक से अधिक महिलाओं से लाभ उठाने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि *महिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ में शिविर का आयोजन 3 से 6 जुलाई तक किया जाएगा प्रत्येक दिन शिविर प्रातः 9 बजे से 2 बजे तक रखा गया है।
टीम अधिकारी पुष्पदीप मिश्रा ने बताया कि आईआईटी बॉम्बे (मुंबई) ने हाल में गायनेकेम नाम से एक ऐसी डिवाइस को इजाद किया है जो महिलाओं से संबंधित कर्क रोग (सर्वाइकल कैंसर) का पता लगाने में कारगर रही है। इस डिवाइस को इससे पहले इजराइल द्वारा तैयार किया गया है, जिसकी लागत अत्यधिक है। अपने शोध कार्य के बाद आईआईटी मुंबई ने काफी कम लागत में नई डिवाइस तैयार की है। जिसका उपयोग गायनोकोलोजिकल कैंसर की जांच में किया जा रहा है।
आईआईटी बॉम्बे पूरे उत्तराखण्ड में इस प्रकार के जांच शिविर आयोजित करने की रणनीति पर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह जांच हर महिला को करनी चाहिए, चाहे वह स्वस्थ ही क्यों न हो। क्योंकि समय पर कैंसर की संभावना का पता चलने पर उपचार आसान हो जाता है।
सर्वाइकल कैंसर पर किए गए अनुसंधानों से पता चला है कि भारत में हर सात मिनट में अकेले सर्वाइकल कैंसर से एक महिला की मृत्यु होती है। जिसका मुख्य कारण समय पर कैंसर का पता न चलना और नियमित जांच न करना है। उन्होंने सभी महिलाओं से अनुरोध किया है कि वे स्क्रीनिंग कैंप में आकर अपनी जांच अवश्य कराएं। जांच दल में आईआईटी बॉम्बे के जुबीन सांवला, बेरील स्टेंटॅली एवं अन्य लोग शामिल हैं। इस अभियान में जिला अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, महिला चिकित्सालय के समस्त डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ विशेष सहयोग कर रहा है