पिथौरागढ़: अन्तर्राष्ट्रीय महिला काव्य मंच ईकाई पिथौरागढ़ उत्तराखंड में दिनांक 22-05-25 को कमला वेदी की अध्यक्षता में ऑनलाइन काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ पुष्पलता पुष्पांजलि रहीं। आनंदी जोशी ने -देवी सरस्वती तू छै करूणानिधान, विद्या को सबूकै मैया दिये वरदान, गीत सुनाकर मां सरस्वती की वन्दनासे कार्यक्रम की शुरुआत की। रचना जी ने -परेशान होने की हजार वजहों के बीच भी खुश रहने की वजह ढूंढ लेती हूँ ।आशा सौन ने – हरगिज नहीं है जायज कोई किसी का खूं जलाते मिलता क्या किसी को जरा आके मुझे बताये , सुनाकर यथार्थ की जमीं से परिचय कराया।

हंसा धामी जी ने बहुत अजीब लग रही है जिंदगी जरूर कोई हादसा पेश आया होगा, संवेदनशील कविता सुनायी। लक्ष्मी आर्या नेबहू हमारा बेटा देश की रक्षा में है तू हमें छोड़कर न जा ,सुनाकर आजकल की बहुओं को आइना दिखाया ।जयमाला ने यूं ही नहीं बनती रिश्तों की इमारत विश्वास की जमीन चाहिए समतल ,कविता से सबको विश्वास की अहमियत का एहसास कराया ।अनीता जोशी ने -मेर पहाड़ रंगीला डाना बार मासा ,आये हाये सुर सुर बयाला ,कविता से पहाडों की ठंडी हवा पानी और प्रकृति के रूपों का चित्रण किया ।
डॉ पुष्पलता पुष्पांजलि ने -बदलेंगे दिन बदलेंगी रातें होंगी सुखद और सुन्दर शामें,यह आशाजनक गीत सुनाया । मुन्नी पाण्डेय ने -मेरी मां जन्नत का नूर है कविता में मां की ममता करुणा का दर्शन कराया ।।और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही कमला वेदी ने-सुमन सुरभित फिर से होंगे बहारें फिर से आयेंगी मलयानिल फिर बहेगी चमन फिर से हरा होगा कविता सुनाकर सबके मन में उत्साह भर दिया। कार्यक्रम का संचालन आशा सौन ने किया ।
