पिथौरागढ़– जिलाधिकारी डा.आशीष चौहान ने शासन के हवाले से बताया कि उत्तराखण्ड राज्य में पशुओं के सूखे चारे के रूप में मुख्य रूप से किये जाने वाले गेहूं के भूसे की अत्यन्त कमी होने, कतिपय व्यपारियों द्वारा भूसे को बड़ी मात्रा में अनावश्यक रूप से भण्डारण किये जाने के कारण उत्पन्न विकट परिस्थितियों में पशुस्वामियों द्वारा बड़ी संख्या में पशुओं को परितक्य किये जाने की आशंका के दृष्टिगत पशुओं के लिये पर्याप्त मात्रा में उचित दरों में भूसा/चारा उपलब्ध कराये जाने की आवश्यकता है।
इसके दृष्टिगत जिला मजिस्ट्रेट ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के प्राविधानों के तहत आदेश जारी करते हुए निर्देश दिए है कि जनपद में भूसा विक्रेताओं द्वारा भूसे का अनावश्यक भण्डारण एवं काला बाजारी ना तो की जायेगी, ना करवायी जायेगी व भूसा, पुआल इत्यादि को व्यवसायिक एवं उद्योगों में इस्तेमाल नही किया जायगा। उद्योगों को भूसा विक्रय पर आगामी 15 दिन तक रोक लगाई है।
यह आदेश जनपद पिथौरागढ़ की सीमान्तर्गत आदेश जारी होने की तिथि से आगामी 22 मई 2022 तक प्रभावी रहेगा, बशर्ते कि इससे पूर्व इसे निरस्त न किया जाए। यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करेगा तो उसका कृत्य भारतीय दण्ड संहिता की धारा-188 के अंतर्गत दण्डनीय होगा।