पिथौरागढ़– वन विभाग ने पिछले कई सालों से बंजर पड़ी भूमि पर स्थानीय लोगों की मदद से 9000 हजार फीट की ऊंचाई पर पंचाचूली की तलहटी पर सुंदर ट्यूलिप गार्डन विकसित किया है। ट्यूलिप के खिलने के बाद हिमालय की खूबसूरती पर चार चांद लग गए हैं। आज हर कोई हिमनगरी में ट्यूलिप गार्डन के दीदार को बेताब है। पिथौरागढ़ वन प्रभाग व स्थानीय लोगों के सहयोग से पिछले कई सालों से बंजर पड़ी भूमि पर नौ हजार फिट की ऊचाई पर पंचाचूली की तलहटी पर सुंदर ट्यूलिप गार्डन विकसित करने से पर्यटन को बढ़ावा देने की पहल की है। ट्यूलिप के खिलने के बाद हिमालय की खूबसूरती पर चार चांद लग गए है। करीब एक साल पहले वन विभाग ने ईको पार्क मे स्थानीय लोगों की मदद से ट्यूलिप गार्डन विकसित करने का कार्य शुरू किया शुरू किया।इसे विकसित करने में वैज्ञानिक, पर्यावरण विशेषज्ञ, वन विभाग के अधिकारियों ने मेहनत कर नया प्रयोग किया। ईको समिति के अध्यक्ष राजेंद्र ने बताया ट्यूलिप के पौधे हालेंड से मंगाए गए, डीएफओ विनय भार्गव के विशेष प्रयासों से गार्डन तैयार किया गया जिससे हिमनगरी मुनस्यारी मे आने वाले पर्यटकों को आर्कषित करने के साथ नए पर्यटकों को भी यहाँ की खूबसूरती के प्रति आकर्षित करना है। साथ ही इससे पर्यटन को जोड़ते हुए व्यवसायिक तौर पर शुरू कर स्थानीय लोगों को स्वरोजगार से जोड़ना है। डीएफओ विनय भार्गव ने बताया नौ हजार फीट की ऊंचाई पर एक ट्यूलिप प्लोट स्थापित पिथौरागढ़ वन प्रभाग द्वारा स्थापित किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य था, इसका उद्देश्य था वंहा पर भूक्षरण से बहुत सारी इरोशन की वजह से जो वंहा बहुत सारी वैलीज बन गई थी साथ ही बहुत सारा वेस्ट वहाँ पर इकठ्ठा हो गया था,साइट डिग्रेड हो गई थी तो जैव विविधता को कैसे संरक्षित किया जाए साथ ही पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत किया जा सके।
*हिमनगरी में ट्यूलिप खिलने से हर कोई ट्यूलिप गार्डन का दीदार करने को बेताब हैं*
By
Posted on