पिथौरागढ़– जिले में आगामी मानसून काल के दौरान किसी भी प्रकार की आपदाओं की घटनाओं से निपटने हेतु की जा रही तैयारियां की तहसीलवार समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी आंनद स्वरूप ने कहा कि तहसील क्षेत्रों में आपदा की दृष्टि से जितने भी गांव संवेदनशील के तौर पर चिह्नित किए गए हैं, उन सभी गांवों में आपदा की घटना होने पर ग्राम वासियों को सुरक्षित स्थानों में रखे जाने एवं पुनर्वास हेतु नजदीक में ही सुरक्षित स्थान भवन को पुनर्वास केन्द्र के रूप में स्थापित कर सभी व्यवस्थाएं शीघ्रता से पूर्ण कर ली जाय। साथ ही सभी तहसील क्षेत्रों में आवश्यकता अनुसार खाद्यान्न के पैकेट भी रख लिए जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा से किसी भी प्रकार की जनहानि न हो तथा आपदा की घटना के उपरांत त्वरित कार्यवाही विभागीय स्तर प्रारम्भ हो इस हेतु सभी तैयारियां दुरुस्त रखी जाए। सभी नियंत्रण कक्षों को अलर्ट करते हुए संचार सुविधाएं भी बनी रही इस हेतु सेटेलाइट फोन तथा वायरललेस सेट भी इन क्षेत्रों में स्थापित किए जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा उपकरणों को संचालित एवं सुचारू एवं सही दशा में रहें यह भी सुनिश्चित किया जाय। जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि गत वर्षों में हुई आपदाओं की घटनाओं में अगर वर्तमान तक भी किसी प्रभावित को क्षति का भुगतान होना अवशेष है, तो वह भी कर लिया जाय। जिलाधिकारी ने विगत दिन सेराघाट में सरयू नदी में डूबने से 5 किशोरों की मृत्यु की घटना का उदाहरण देते हुए सभी उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि उनके क्षेत्रान्तर्गत स्थित नदियों में जहाँ-जहाँ भवर या नदी गहरी है,जहां पर डूबने का खतरा है एसे स्थानों को चिह्नित का तत्काल सूचना पट्ट चेतावनी बोर्ड लगाए जाय। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने कहा कि नदी किनारे के गांवों में रह रहे लोगों को बाढ़ आदि की घटना होने पर तत्काल सूचित करने हेतु इन स्थानों में शीघ्र ही लाउड स्पीकर स्थापित किए जाए।
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