बागेश्वर- राज्य सरकार द्वारा राज्य में पलायन रोकने तथा इसके लिए पलायन प्रभावित गॉव के लिए ठोस कार्ययोजना बनाये जाने के लिए जिलाधिकारी विनीत कुमार की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना की जिला स्तरीय समिति की बैठक की गयी।
जिसमें जिलाधिकारी द्वारा इस योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु वर्ष 2021-22 के लिए विभिन्न रेखीय विभागों द्वारा तैयार किये गये 118.79 लाख की प्रस्तावित धनराशि को स्वीकृति प्रदान की गयी, जिसमें मुख्यमंत्री पलायन आयोग से 105.01 लाख तथा विभागीय कन्र्वजैन्स से 13.78 लाख की धनराशि स्वीकृत की गयी है।
जिलाधिकारी विनीत कुमार ने संबंधित रेखीय विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये है कि मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु जो भी कार्ययोजना तैयार की गयी है उस योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए जिसमें कार्य की गुणवत्ता एवं समयबद्धता का विशेष ध्यान रखते हुए कार्य को पूर्ण करना सुनिश्चित करें,
उन्होंने कहा कि इसके लिए यह भी सुनिश्चित किया जाय कि संबंधित गॉव की तैयार की गयी योजनाओं के संबंध में क्षेत्रीय विधायक, ग्राम प्रधान एवं अन्य जनप्रतिनिधियों से भी तैयार किये गये योजनाओं के संबंध में चर्चा की जाय ताकि योजना के संचालन में किसी प्रकार की समस्या न हो सके।
उन्होंने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य चिन्हित 50 प्रतिशत तक पलायन प्रभावित गॉव में आवासीय परिवारों/बेरोजगार युवाओं/रिवर्समाइगेन्ट्स आदि को स्वरोजगार उपलब्ध कराये जाने हेतु वर्तमान में क्रियान्वयन विभिन्न विभागीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ-साथ ऐसे गैप जो वर्तमान में संचालित योजनाओं से आच्छादित नहीं हो पा रहे हो को इस योजनाओं के तहत आच्छादित किया जायेगा, वसर्तें प्रस्तावित योजनाओं की प्रकृति पूर्णत: पलायन को रोकना अथवा पलायन को कम करना है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 के लिए विभिन्न विभागों द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रस्ताव हेतु स्वीकृत की गयी धनराशि को शीघ्र ही शासन को प्रेषित किया जायेगा, जिसके लिए शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर संबंधित अधिकारियों को इसी वित्तीय वर्ष में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये।
बैठक में अपर परियोजना निदेशक शिल्पी पंत ने जिलाधिकारी को अवगत कराया है कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में पलायन रोकने तथा इस हेतु राज्य स्तर पर पलायन प्रभावित गॉव के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करने के लिए ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग का गठन किया गया है। जिसमें 50 प्रतिशत तक पलायन से प्रभावित राजस्व ग्रावों की सूची पलायन आयोग द्वारा ग्राम विकास विभाग को उपलब्ध करायी गयी है जिसमें जनपद हरिद्वार को छोड़कर शेष अन्य जनपदों में लगभग 474 ऐसे राजस्व ग्राम आयोग द्वारा चिन्हित किये गये है जिसमें 50 प्रतिशत तक पलायन हुआ है,
जनपद बागेश्वर के 34 राजस्व ग्रामों को चिन्हित किया गया है जिसमें 50 प्रतिशत तक पलायन हुआ है, जिसमें विकास खण्ड गरूड़ में 19, कपकोट में 10 तथा बागेश्वर में 05 राजस्व ग्राम शामिल है, जिसमें राजस्व ग्राम को चरणबद्ध रूप में विभाग के माध्यम से पलायन रोकने हेतु संचालित महत्वपूर्ण आजीविका सृजन तथा मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराये जाने वाले योजनाओं के माध्यम से समस्त रेखीय विभागों द्वारा कार्ययोजना तैयार की गयी है।
जिसमें लघु सिंचाई विभाग द्वारा सोलर लिफ्ट द्वारा स्प्रिकलर द्वारा किसानों हेतु सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी तथा उरेड़ा विभाग द्वारा सोलर रूफटॉफ (नैट मीटरिंग) किया जायेगा जिससे किसानों को नि:शुल्क बिजली उपलब्ध होगी, कृषि विभाग द्वारा संबंधित गॉव में फार्म मशीनरी बैंक के माध्यम से कृषि उपकरण उपलब्ध कराये जायेंगे तथा उद्यान विभाग द्वारा वर्मी कम्पोस्ट यूनिट एवं पालीहाउस की स्थापना की जायेगी, तथा पशुपालन विभाग द्वारा गौ पालन हेतु कार्ययोजना तैयार की गयी है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डी0डी0 पन्त, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सुनीता टम्टा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 उदय शंकर, मुख्य कृषि अधिकारी बी0पी0 मौर्य, जिला उद्यान अधिकारी आर0के0 सिंह, अधि0अभि0 लोनिवि संजय पाण्डेय, विद्युत भाष्करानन्द पाण्डेय, पेजयल निगम सीपीएस गंगवार, परियोजना अधिकारी उरेडा राकी कुमार सहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।