बागेश्वर – जनपद बागेश्वर में 03 दिवसीय भ्रमण पर पहुॅचें उपाध्यक्ष, उत्तराखण्ड अनुसूचित जनजाति आयोग जी0एस0मर्तोलिया (सेवानिवृत्त आई 0पी0एस0) ने आज हरेला के पावन पर्व पर बागनाथ मंदिर में रूद्राक्ष का पौंध रोपण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर अध्यक्ष जिला पंचायत बसंती देव, क्षेत्रीय विधायक चन्दन राम दास, पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बगरी, सीनियर सीटीजन एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड अनुसूचित जनजाति आयोग ने हरेला पर्व की प्रदेशवासियों एवं जनपदवासियों को शुभकामनायें एवं बधाई देते हुए कहा कि पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए सभी को इस पावन आवसर पर अधिक से अधिक पौंध रोपण करते हुए उनका संरक्षण करना भी जरूरी है, ताकि यह प्रकृति हमेशा हरा भरा रहे तथा किसी को किसी भी प्रकार से ऑक्सीजन की कोर्इ कमी न हो। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के सरंक्षण के लिए अपनी धरोहर मंच तैयार किया गया है जिसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के संरक्षण तथा अपनी संस्कृति का संरक्षण व स्वरोजगार से लोगों को जोड़ने के लिए इस क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है, तथा अधिक से अधिक लोगों को इसमें शामिल किया जाय।
उन्होंने कहा कि इस मंच का मुख्य उद्देश्य गॉव में निवासरत लोगों को पर्यावरण संरक्षण एवं संस्कृति के प्रति जागरूक करना है तथा पर्यावरण के संरक्षण के लिए सभी को अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना है, ताकि आने वाली पीढ़ी का भविष्य उज्जवल हो सके। उन्होंने यह भी अपील की है कि अपनी धरोहर संस्था के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य किया जा रहा है जिसके लिए उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को इसमें सहभागिता की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि आगामी 09 नवम्बर को भी अपनी धरोहर संस्था द्वारा बृहद स्तर तक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे जिसमें संस्था का मुख्य उद्देश्य है कि पर्यावरण एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए तथा लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने तथा युवाओं को नशे की प्रवृत्ती एवं बुराईयों से दूर रखने के लिए लोगों को जागरूक किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि हरेला पर्व के अवसर पर कई स्थानों पर बृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। इस अवसर पर सीनियर सिटीजन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिलीप खेतवाल, उपाध्यक्ष इन्द्र सिंह परिहार, बाला दत्त तिवारी, अशोक लोहनी, वृक्ष प्रेमी किशन सिंह मलड़ा, रमेश पर्वतीय सहित स्थानीय लोग एवं जनप्रतिनिधि मौजूद थे।