उत्तराखण्ड

पिथौरागढ़ घनश्याम ओली चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी के संस्थापक अजय ओली को नेशनल यूथ अवार्ड से किया सम्मानित

पिथौरागढ़– घनश्याम ओली चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी के संस्थापक अजय ओली को दिल्ली में आयोजित नेशनल यूथ अवॉर्ड्स में युवा एवम खेल मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा नेशनल यूथ अवार्ड और मेडल से सम्मानित किया गया। विज्ञान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान देश भर के 22 लोगों को सम्मानित किया गया जिसमे उत्तराखंड से अजय ओली को सम्मानित किया गया। 10 वर्षों बाद उत्तराखंड को यह राष्टीय सम्मान और गौरव प्राप्त हुआ।

मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा अजय ओली के कार्यों की सराहना की गई और बालश्रम के खिलाफ चलाए जा रहे उनके मिशन को एक अनूठी मिसाल पेश करने वाला बताया। उन्होंने कहा की हर युवा को इस तरह से अपना योगदान समाज को देना होगा जिसे से श्रेष्ठ भारत का निर्माण किया जा सके। अजय को बालश्रम और बाल भिक्षा को खत्म कर बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए इस पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। अजय पिछले 7 वर्षों से हजारों बच्चों को शिक्षा से जोड़ चुके हैं और कई बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने में लगे हुए हैं।

 

युवाओं के लिए संदेश:
अजय ने युवाओं के नाम संदेश में कहा की सबसे पहले तो यह अवार्ड समाज का है और उनमें भी युवाओं को इसका श्रेय जाता है। भारत के निर्माण में युवाओं का सक्रिय होना और समाज से जुड़कर अपनी सेवाएं देना बहुत जरूरी है।उन्होंने कहा की अगर आप समाज के लिए कार्य करेंगे तो आपको उपलब्धियां और सफलता अवस्था मिलेंगी।


उपलब्धियां:
7 साल से सामाजिक सेवाओं में सक्रिय हैं।
लिम्का बुक और इंडिया बुक रिकॉर्ड विजेता।
गवर्नर उत्तराखंड द्वारा सम्मानित।
अब तक 98000 किलोमीटर से ऊपर की नंगे पांव यात्रा।
109 शहरों में 13000 से ज्यादा जागरूकता अभियान और कार्यक्रम।
सेल्फ फंडिंग से ही संस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।


हिस्ट्री:
अजय ओली ग्राम टाना, पिथौरागढ़ निवासी हैं। भारत के विभिन्न हिस्सों से शिक्षा ग्रहण कर अजय ने लखनऊ से मास्टर इन होटल मैनेजमेंट एंड ह्यूमन रिसोर्स कर अजय ने इवेंट मैनेजमेंट कंपनी का निर्माण किया और 3 साल तक कार्य किया। 29 सितंबर 2015 से बच्चों की नाजुक हालत को देखते हुए उन्होंने लाखों का टर्नओवर वाला बिजनेस छोड़ समाज के लिए समर्पण करने का निर्णय लिया और नंगे पांव पैदल यात्रा शुरू की। देश के विभिन्न हिस्सों में जागरूकता अभियान चलाए और 3 लाख से अधिक लोगों को जागरूक किया।

To Top