पिथौरागढ़ के सोर घाटी में स्थित मोस्टामानू मंदिर पिथौरागढ़ शहर के दिव्य स्थलों में से एक माना जाता है। मोस्टा देवता को सोर घाटी में बरसात का देवता माना जाता है। हर साल मोस्टा देवता के मंदिर में एक विशाल मेले का आयोजन होता है जिसका समस्त पिथौरागढ़ वासियों के साथ साथ कई जिलों के लोगों को इस मेले का इंतजार रहता है। बता दे मोस्टामानू मेले के दिन मंदिर में स्थित एक विशाल पत्थर को उठाने की होड़ लगी रहती है, जानकारी के अनुसार इस पत्थर को उठाने वालों की मनोकामना पूरी होती है।
मेले के दिन पत्थर उठाने के लिये सुबह से ही युवाओं की भीड़ लगी रहती है। भक्तों का देव डांगरों ने अवतरित होकर आशिर्वाद दिया भगवान मोस्टा के डोले को मंदिर पहुँचने तक भक्तों ने भगवान मोस्टा के जयकारों के साथ पुष्प की वर्षा की। डोले के मंदिर पहुँचते ही भारी संख्या में लोग मोस्टा देवता की एक झलक पाने को बेताब नजर आए। मुख्य मंदिर में भगवान के डोले के पहुंचते ही शंख ध्वनि व मोस्टा देवता के जयकारों से पूरी सोर घाटी गूंज उठी। भगवान मोस्टा व मां भगवती के साथ कई देवगणों ने अवतरित होकर अपने भक्तों को सुख समृद्धि का आशिर्वाद दिया। कोरोना वायरस के कहर के बावजूद मेले में आस्था भारी पड़ती नजर आई। लोगों ने भारी संख्या में मेले में भाग लिया भगवान मोस्टा के दर्शन किये।