पिथौरागढ़– जिले के विकास खंडों से अल्ट्रासाउंड के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं के लिए विकासखंड वार डे तय कर दिया गया है। अब दूरस्थ क्षेत्र की महिलाओं को अल्ट्रासाउंड के लिए निराश होकर वापस अथवा एक दिन जिला मुख्यालय में रहना नहीं पड़ेगा। न ही प्राइवेट सेंटर में जाने की मजबूरी होगी। सोमवार से इस नई व्यवस्था को जिले में लागू किया जा रहा है। इससे गर्भवती महिलाओं को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया की अध्यक्षता में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुनस्यारी में हुई बैठक में डाक्टरों के अलावा स्वास्थ्यकर्मियों ने इस समस्या को उठाया था।
उसके बाद मर्तोलिया ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र देकर इस समस्या को उठाया। जिले में गर्भवती महिलाओं का जिला मुख्यालय स्थित जिला महिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ में अल्ट्रासाउंड किया जाता है। इसके अलावा स्थान पर इस तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
जिले के मुनस्यारी, धारचूला, बेरीनाग, गंगोलीहाट से आने वाली गर्भवती महिलाएं सुबह चलकर 12 बजे के आसपास जिला महिला अस्पताल में पहुंच पाती है। अल्ट्रासाउंड के लिए औपचारिकताओं को पूरा करते-करते एक बज जाते है। जिला में एक ही स्थान में अल्ट्रासाउंड होने के कारण गर्भवती महिलाओं का अत्यधिक दबाव होने के कारण दुरस्त विकास खंडों की गर्भवती गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड के लिए नंबर ही नहीं आ पाता है।
इस कारण महिलाओं को एक दिन जिला मुख्यालय में रुकना पड़ता है या प्राइवेट अल्ट्रासाउंड सेंटर में जाकर अपना अल्ट्रासाउंड कराना पड़ता है। जिससे गरीब महिलाओं को आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इस आशय का पत्र देकर साप्ताहिक रोस्टर बनाकर दुरस्त विकासखंडों से आने वाली गर्भवती महिलाओं इस प्लान के आधार पर सुविधाएं दी जाय। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एचएस ह्यांकी ने इस पत्र का संज्ञान लेते हुए महिला चिकित्सालय में गर्भवती महिलाओं के लिए अल्ट्रासाउंड के लिए नवीन व्यवस्था व्यवस्था बना दी है। डां ह्यांकी ने प्रमुख एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को पत्र देकर सोमवार को मुनस्यारी,मंगलवार को धारचूला, बुधवार को गंगोलीहाट, बृहस्पतिवार को बेरीनाग, शुक्रवार को डीडीहाट एवं कनालीच्छीना, शनिवार को मूनाकोट एवं विण की महिलाओं के लिए अल्ट्रासाउंड के लिए आरक्षित रहेगा। इन विकास खंडों से गर्भवती तय आरक्षण के अनुसार महिलाएं नहीं आ पाती है, तो अन्य विकासखंडों की महिलाओं का अल्ट्रासाउंड किया जाएगा, ताकि किसी को भी परेशानी का सामना न उठाना पड़े। इस रोस्टर के आधार पर विकास खंडों से आने वाली गर्भवती महिलाओं को आते ही अल्ट्रासाउंड करने का मौका मिल जाएगा।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि महिला चिकित्सालय में नसबंदी के लिए भी इसी तरह का रोस्टर बनाया गया है। जिससे दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले महिलाओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डां ह्यांकी सहित जिले की स्वास्थ्य महकमे का आभार जताया।