पिथौरागढ़– जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान द्वारा जिले में सेव के उत्पादन की संभावनाओं के मद्देनजर इसे बढ़ाए जाने हेतु उद्यान एवं कृषि विभाग को इस क्षेत्र में विशेष अभियान चलाते हुए सेव के बागान विकसित करने के साथ ही अधिक से अधिक किसानों को सेव उत्पादन से जोड़े जाने हेतु निर्देश दिए गए हैं।
जिलाधिकारी डॉ चौहान द्वारा पिथौरागढ़ जिले में सेव के उत्पादन को बढ़ाए जाने के उद्देश्य से उत्तराखंड राज्य के जनपद उत्तरकाशी के आराकोट क्षेत्र जहां सेव का उत्पादन अत्यधिक मात्रा में होता है, उस क्षेत्र से सेव उत्पादकों की एक टीम को जनपद पिथौरागढ़ में आमंत्रित किया गया आराकोट टू अस्कोट यात्रा की तर्ज पर आराकोट के सेव के उत्पादक व किसानों का सहयोग लेकर जिले में सेव के उत्पादन को बढ़ाया जाएगा।
जिलाधिकारी के प्रयासों के क्रम में उत्तरकाशी से आए सेव उत्पादकों एवं पिथौरागढ़ के किसानों के मध्य विकास भवन में एक गोष्ठी का आयोजन कर पिथौरागढ़ जिले में सेव की उत्पादकता की संभावना एवं उसे बढ़ाए जाने पर चर्चा के साथ ही उत्तरकाशी से आए सेव उत्पादकों, किसानों द्वारा अपने अनुभव सांझा किए गए। गोष्ठी में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रगतिशील किसानों द्वारा सेव उत्पादन से सम्बंधित विभिन्न पहलुओं में अपनी बात आगंतुकों के सम्मुख रखी गई। जिनके द्वारा विभिन्न शंकाओं का समाधान किया गया।
गोष्ठी में आराकोट से आए किसानों द्वारा सेव के उत्पादन तथा उससे हो रहे लाभ के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उत्तरकाशी क्षेत्र की तरह यहां की भी भौगोलिक परिस्थितियों एक समान होने के साथ ही सेव के उतपादन हेतु अनुकूल वातावरण है, जिस प्रकार उत्तरकाशी के क्षेत्र आज सेव के उत्पादन में अग्रणी है,एक समय ऐसा आएगा जब जनपद पिथौरागढ़ भी इस क्षेत्र में आगे होगा। इससे यहां के किसानों को आर्थिक लाभ प्राप्त होने के साथ ही यहां के युवाओं को अपना स्वरोजगार प्राप्त होगा।
उन्होंने पिथौरागढ़ के किसानों से कहा कि विभिन्न प्रजाति के सेव के पौधे यहां आसानी से उत्पादित हो सकते हैं, इसमें एक बेहतर प्लानिंग से कार्य करना होगा। इसके साथ ही यहां पर उन्नत किस्म की नाशपाती,आड़ू,पुलम, खुमानी तथा मौनपालन का भी कार्य किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ जिले में सेव उत्पादन को बढ़ाए जाने हेतु उनकी ओर से हर संभव मदद प्रदान की जाएगी।
इससे पूर्व उत्तरकाशी के आराकोट से आए सेव उत्पादक किसानों द्वारा जिला मुख्यालय के चंडाक क्षेत्र के ग्राम सिंतोली धूरा तोक स्थित मनोज खड़ायत एवं ह्यूपानी के हरिओम पाण्डेय की सेव की नरशरी का भी स्थलीय निरीक्षण कर उनके द्वारा सेव की विभिन्न प्रजाति के उत्पादन कार्य के बारे में जानकारी प्राप्त करने के साथ ही अपने अनुभव सांझा किए गए तथा विभिन्न तकनीकी जानकारी एक दूसरे को सांझा करते हुए हर संभव सहयोग की बात कही। इस दौरान मनोज खड़ायत द्वारा सेव बगान में उत्पादित विभिन्न सेव के प्रजातियों के पौधों को दिखाने के अतिरिक्त उनके बारे में विभिन्न जानकारियां भी दी गई।
गोष्ठी में मुख्य कृषि अधिकारी अमरेन्द्र चौधरी,मुख्य उद्यान अधिकारी आर एस वर्मा, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ पंकज जोशी समेत उत्तरकाशी आराकोट से आए सेव उत्पादन विनोद रावत,जितेंद्र चौहान,बंटी राणा,रणधीर राणा,रवि चौहान,एन एस चौहान तथा पिथौरागढ़ से हेम चंद्र पुनेठा,केशव दत्त मखोलिया,दीवान सिंह,रमेश चंद्र,भूपेश जोशी,भाष्कर जोशी,दिनेश कुमार,अशोक सिंह,हेमराज बिष्ट,भरत सिंह समेत विभिन्न क्षेत्रों के किसान आदि उपस्थित रहे।