पिथौरागढ़

मुख्यमंत्री के देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड भंग की घोषणा के बाद खुशी में झूमे तीर्थ पुरोहित

देहरादून– उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग कर दिया है। मुख्यमंत्री ने तीर्थ पुरोहितों को 30 नवम्बर से पहले इस पर फैसला लेने की बात कही थी। गठन के बाद से ही तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारीयो का विरोध जारी है। ऐसे में देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे प्रदेश के तीर्थ पुरोहितों के लिए राहत की खबर है। दरअसल, चुनावी साल में तीर्थ पुरोहितों की देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग का संज्ञान लेते हुए आखिरकार प्रदेश की धामी सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का निर्णय ले लिया है। वहीं जल्द ही शीतकालीन सत्र के दौरान एक्ट भी निरस्त किया जा सकता है।


गौरतलब है कि देवस्थानम बोर्ड के विरोध में साल 2019 से ही तीर्थ पुरोहितों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी रहा। दरअसल, वर्तमान बीजेपी सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री रहते हुए उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम -2019 के तहत एक भारी-भरकम बोर्ड का गठन कर दिया था। जिसके तहत चार धामों के अलावा 51 अन्य मंदिरों का प्रबंधन सरकार अपने  हाथों में ले रही थी। इस दौरान सरकार का तर्क यह था कि प्रदेश के तीर्थ स्थलों में लगातार बढ़ रही यात्रियों की संख्या और इस क्षेत्र को पर्यटन व तीर्थाटन की दृष्टि से मजबूत करने के उद्देश्य से इन स्थानों में सरकार का नियंत्रण जरूरी है। सरकारी नियंत्रण में बोर्ड मंदिरों के रखरखाव और यात्रा के प्रबंधन का काम बेहतर तरह से कर सकेगा।

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