पिथौरागढ़ः वन भूमि हस्तांतरण के लंबित प्रकरणों, वनाग्नि की रोकथाम तथा कृत्रिम झील निर्माण को लेकर जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में बैठक संपन्न हुई। जिसमें जिलाधिकारी ने वन भूमि हस्तांतरण के लंबित प्रकरणों का त्वरित निस्तारण करते हुए निर्माण कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी धारचूला को राथी सड़क मार्ग व बीआरओ के लिए जमीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही रेडक्रॉस हेतु चयनित जमीन को हैलीपेड के लिए उपयुक्त बताया। उन्होंने निर्देशित किया कि सड़क निर्माण कार्यो में पेड़ों का कम से कम संख्या में कटान किया जाए। अधिशासी अभियंता अस्कोट को कार्य ससमय पूर्ण करने के निर्देश दिए। हिदायत दी कि कार्य समय से पूर्ण ना करने की स्थिति में संबंधित अधिकारियों के वेतन आहरण पर रोक लगाई जाएगी।
बैठक में जिलाधिकारी ने जनपद के सभी अधिशासी अभियंताओं को निर्देश दिए कि निर्माण कार्य के दौरान निकलने वाली खनन सामग्री के उपयोग हेतु संबंधित क्षेत्र के एसडीएम से अनुमति ली जाए तथा खनन कार्य हेतु जो समय दिया जाएगा उस समय अंतराल में ही खनन का कार्य किया जाए।
वनाग्नि की रोकथाम को लेकर उपलब्ध संशोधनों एवं कार्ययोजना की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने जंगलों के आसपास सूखी घास, पिरूल, लकड़ी, डामर सामग्री व अन्य ऐसे ज्वलनशील पदार्थ/सामग्री की 28 फरवरी तक अच्छी तरह से सफाई करने के निर्देश दिए। ताकि जंगलो में आग लगने की संभावना न रहे। कहा कि स्थानीय क्षेत्रों में कार्यरत महिला/युवक मंगल दल व अन्य टीमें तैयार कर लें और एक दूसरे को नंबर भी उपलब्ध कराएं। ताकि आग लगने की स्थिति में समय पर जानकारी दी सके और आग पर नियंत्रण पाया जा सके। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने संबंधित वन क्षेत्राधिकारियों को निर्देशित किया कि चीड से अच्छादित क्षेत्रों को चिन्हित कर वहां पर वनाग्नि नियंत्रण के पुख्ता इंतेजाम सुनिश्चित करें। ताकि आग लगने पर तुरंत काबू पाया जा सके और चीड के जंगलो को भी बचाया जा सके। उन्होंने निर्देशित किया कि आग बुझाने के लिए आवश्यक उपकरणों की भी समय से खरीद की जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि बरसात के दौरान जहां पानी जमा होता हो ऐसे स्थानों को भी चिन्हित किया जाए। ताकि ऐसे स्थानों को कृत्रिम झील के रूप में विकसित किया जा सके। बैठक सभी एसडीएम सहित सभी संबधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।