धारचूला

बीआरओ ने कड़ी मेहनत के बाद 5 दिनों में वैलीब्रिज बनाकर किया तैयार

पिथौरागढ़–  धारचूला में बीते 8 जुलाई  की रात को कुलागाड नाले में बादल फटने के कारण कुलागाड़ नाले में अचानक बाढ़ आ गई थी जिसके कारण टनकपुर तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुलागाड़ नामक स्थान पर बीआरओ का स्थाई पुल बह गया था। पुल के बह जाने से भारत चीन सीमा के साथ ही दारमा, व्यास, चौदास घाटी का देश दुनिया से संपर्क कट गया था। तीनों घाटियों में 50 से 60 गांव निवास करते है।

बीआरओ के सामने चुनौती थी की दारमा, व्यास, चौदास के गांव के साथ ही सीमा में  तैनात सुरक्षा बलों की सुरक्षा बहाल करने एवम् बनाए रखना जिसके बाद बीआरओ के द्वारा 170 फीट लंबे डबल वेली ब्रिज को बनाने के लिए 15 जुलाई को आवश्यक तैयारियां और समन्वय के साथ पुल का निर्माण शुरू किया लगातार कड़ी मेहनत के बाद आज बीआरओ के द्वारा 5 दिनो में ब्रिज को बनाकर तैयार कर दिया है।

बीआरओ और सीपीएल के सभी कर्मियों की विस्तृत योजना दृढ़ता और जमीनी प्रयास से यह उपलब्धि बहुत कम समय में हासिल किया ।बता दे की स्थाई पुल के टूटने से ग्रामीणों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था अब वेली ब्रिज बनने से  दारमा व्यास चौदास के ग्रामीणों के साथ ही सीमा में तैनात सेना के जवानों राहत मिलेगी। आज से कुलागाड़  वेली ब्रिज को यातायात के लिए खोल दिया गया है।

उपजिलाधिकारी धारचूला अनिल कुमार शुक्ला ने बताया की बीते 8 जुलाई को भारी बारिश के चलते कुलागाड नाले में बादल फटने से स्थाई पुल बहने के कारण दारमा व्यास चौदास के साथ ही हमारा चीन सीमा से संपर्क कट गया था । लगातार हो रही बारिश से वेली ब्रिज निर्माण में परेशानियां हो रही थी लेकिन आज बीआरओ के द्वारा पांच दिनों में पुल को तैयार कर यातायात के लिए खोल दिया है ।

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